Dead Man Alive

प्रसिद्ध लेप्रोस्कोपिक सर्जन को किडनी की प्रॉब्लम हो गई थी, उनका डाइलिसिस PGI, Lucknow में हो रहा था। परामर्श के लिये एक निकट संबंधी [मेरे मित्र, जो माता बगलामुखी के भक्त थे]हमारे पास डॉक्टर साहब को लेकर आये, उन्होंने अपनी सारी समस्या बताई, कि “किडनी ट्रांसप्लांट होनी है, लेकिन कंडीशन स्टेबल नहीं रही है, बहुत सारी अन्य समस्याएं हैं, परन्तु आपके द्वारा जानना चाहता हूँ। अब आप बताइये वास्तव में समस्या और उपचार क्या है ?” मेरे मित्र हँसते हुए कहा, कि “डॉक्टर साहब तीन दिनों से सपरिवार माता बगलामुखी की पूजा शुरू कर चुके हैं, क्योंकि मैंने बता दिया था, कि उसके बिना आप मन से उपचार नहीं कर पाएंगे।

Dead Man Alive

समस्या की वजह

हमने बताया कि आपने कभी नीलम रत्न गोल्ड में तांत्रिक द्वारा प्राण- प्रतिष्ठित कराकर पहना था। जिसे अचानक उतार दिया, साथ ही 2 वर्ष पहले आपने कोई प्रॉपर्टी खरीदी है, जिसमे किसी नेगेटिव एनर्जी का वास है। आपने भी जान-बूझकर ख़रीदा है, आपको उसके बाद पहले तो उस जगह बिल्डिंग बनाने में समस्या आयी होगी, फिर फाइनेंसियल लोस्स होना शुरू हुआ होगा, केस भी हुआ है। आप दुर्घटना से भी बचे हैं, अंततः आपको जानलेवा संकट हो गया है। वो मुस्कराने लगे, कि आपकी कही हर बात पूर्णतया सत्य है, आप अब पूरा चेक करके हमको ठीक करें।

स्कैंनिंग व डायग्नोसिस

हमने 2 दिनों तक उनके घर, क्लिनिक का वास्तु, एस्ट्रोलॉजी व बॉडी को स्कैन एवं एनालिसिस किया। जिसके बाद उनका उपचार प्रारंभ कर दिया। माँ बगलामुखी की पूजा प्रारंभ करा दी गयी, वास्तु संबंधित समस्त उपचार कर लिए गए, नीलम रत्न पञ्चधातु में पहना दिया गया, तथा एलोपैथिक दवा के साथ,नेचुरोपैथी, एक्यूप्रेशर का उपचार भी दिया गया।देवी बगलामुखी की दया से बहुत तेजी से उनके स्वास्थ्य में सुधार होने लगा, साथ ही क्लिनिक में पेशेंट्स का विश्वास फिर बढ़ने लगा।

मृत्यु, घंटे भर शवगृह में मुर्दा रहना

सभी समस्याओं का समाधान होता जा रहा था, अचानक एक दिन सुबह पूजा करते समय फ़ोन आया, कि उनकी तबियत बहुत खराब हो गई, हम PGI लेकर जा रहे हैं, आप भी पहुंचें, थोड़ी देर बाद फ़ोन आया, कि सब बेकार है, 15 मिनट पहले डॉक्टर साहब नहीं रहे। हमें सहसा विश्वास नहीं हुआ, हमने केवल इतना कहा, कि आपके पास पहुंच रहे हैं माँ बुरा तो नहीं कर सकतीं ।

माँ बगलामुखी द्वारा ईसामसीह की तरह पुनर्जीवन

रास्ते में ही उनकी पत्नी का माँ बगलामुखी देवी की जय बोलते हुए और ख़ुशी से चहकते हुए फ़ोन आया। डॉक्टर साहब मृत्यु के बाद माँ बगलामुखी की दया से 1 घंटे बाद जी उठे। आप ऑफिस पहुंचिए यहाँ से डॉक्टर साहब खुद मिलने आ रहे हैं । उस दिन बाद उनकी किडनी आश्चर्यजनक रूप से ठीक हो गई, और माँ बगलामुखी की दया से उनका नाम फिर से फेमस हो गया। वो आज 15 वर्षों बाद भी लोगों की सेवाभाव से सहायता करने में लगे हैं। साथ ही धन- प्रापर्टी और यश भी प्राप्त हो गया है।

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