देवी बगलामुखी: विशेषताएं, मंत्र और उपासना

परिचय

देवी बगलामुखी हिंदू धर्म में एक प्रसिद्ध देवी हैं। वह दूसरी देवियों के साथ तुलना में अलग होती हैं, क्योंकि उनके आवश्यक और उच्च उपासना प्रयोग विधि में उन्हें विशेष मानते हैं। वह नृत्य, कला, ज्ञान, वक्रता, शक्ति और बुद्धि की देवी हैं। उनके पूजन से अभिशापों, शत्रुओं और अशुभ गतिविधियों को रोकने में मदद मिलती हैं। देवी बगलामुखी के मंत्र, आरती, और उपासना भक्तों द्वारा विशेष भक्ति के साथ की जाती हैं।

देवी बगलामुखी की विशेषताएं

देवी बगलामुखी का नाम ‘बगला’ जिसका अर्थ होता है ‘भय को मूँदने वाली’ और ‘मुखी’ जिसका अर्थ होता है ‘मुख वाली’ से बना है। यह देवी अपने नरस्वरूप और वक्र मुख के लिए भी प्रसिद्ध हैं। उनका मुख वक्रता संकेत करता है कि वे शत्रुओं और दुश्मनों को अपनी शक्ति से मोहित करती हैं। यह देवी भावनाओं के अन्धकार को दूर करने वाली हैं और उपासकों की रक्षा करती हैं।

देवी बगलामुखी मंत्र और उपासना

देवी बगलामुखी मंत्र का जाप और उपासना से आपको अनेक प्रकार के लाभ मिलते हैं। कुछ प्रमुख मंत्रों के उच्चारण से आप दुश्मनों से बच सकते हैं, विवादों को शांत कर सकते हैं और विपत्तियों से मुक्ति प्राप्त कर सकते हैं। देवी बगलामुखी का सबसे प्रसिद्ध मंत्र है – ‘ॐ ह्लीं बगलामुखि सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिव्हां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्लीं ॐ स्वाहा।’ इस मंत्र का नियमित जाप और उपासना से आप अपनी बुद्धि को विकसित कर सकते हैं और अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में सफलता प्राप्त कर सकते हैं।

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